सुबह की हल्की सी ठण्ड में
जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी;
फर्क तो रंगों का है;
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
और
अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर।
सुप्रभात!
सुबह की हल्की सी ठण्ड में;
फूलों की रंगोली सजी थी;
सुबह की पहली किरण के साथ; आँखों के खुलते ही आपको याद किया;
तो दिन की शुरुआत अच्छी हुई थी।
सुप्रभात!

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें