हर नई सुबह का नया नया नज़ारा;
ठंडी हवा लेकर आई पैगाम हमारा;
जागो, उठो, तैयार हो जाओ मामू;
खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा।
सुप्रभात।
https://web.facebook.com/vikram.sin.negi
जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी; फर्क तो रंगों का है; मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर; और अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर। सुप्रभात! सुबह की हल्की सी ठण्ड में; फूलों की रंगोली सजी थी; सुबह की पहली किरण के साथ; आँखों के खुलते ही आपको याद किया; तो दिन की शुरुआत अच्छी हुई थी। सुप्रभात!
जैसे सूरज के बिना सुबह नहीं होती; चाँद के बिना रात नहीं होती; बादल के बिना बरसात नहीं होती; वैसे ही आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती। सुप्रभात!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें