हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में;

हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में;
वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं;
ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई;
अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं।
सुप्रभात!

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